नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में इस साल नवंबर की शुरुआत से ही अड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है। प्रदेश का तापमान कई शहरों में लंबे समय के रेकॉर्ड को तोड़ रहा है और मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। गुरुवार और शुक्रवार की रात पचमढ़ी, जो मध्यप्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन है, में तापमान पहली बार इस सीजन में 5.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। वहीं नर्मदापुरम में कोहरे की चादर रही जिसकी वजह से विजिबिलिटी केवल 500 से 1000 मीटर के बीच दर्ज की गई।
भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में भी पारा 10 डिग्री के नीचे बना हुआ है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार-शुक्रवार की रात भोपाल में न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री, इंदौर में 8.4 डिग्री, ग्वालियर में 12.8 डिग्री, उज्जैन में 11.5 डिग्री और जबलपुर में 11.1 डिग्री सेल्सियस रहा। छतरपुर के नौगांव में 8.5 डिग्री, खरगोन में 8.8 डिग्री, नरसिंहपुर में 9 डिग्री और खंडवा में 9.4 डिग्री दर्ज किया गया। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रदेश में अधिकांश क्षेत्रों में रात का तापमान सामान्य से काफी कम रहा।
इस बार ठंड का दौर पहले ही सप्ताह से शुरू हो गया। मालवा-निमाड़ क्षेत्र सबसे ज्यादा ठंडा बना हुआ है। भोपाल में पिछले 10 दिनों से कोल्ड वेव यानी शीतलहर का प्रभाव देखने को मिल रहा है और मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक इसी तरह की ठंड रहने का अनुमान जताया है। शुक्रवार को इंदौर, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर और सीहोर में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है।
नवंबर में इस बार तापमान का रिकॉर्ड भी टूट गया।
भोपाल में आमतौर पर नवंबर की रातों में तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। पिछले रिकॉर्ड के अनुसार 30 नवंबर 1941 को न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री था, लेकिन इस साल 16 नवंबर की रात को तापमान केवल 5.2 डिग्री तक गिर गया। इसी तरह इंदौर में नवंबर में पारा सामान्यतः 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है लेकिन यहां 25 नवंबर 1938 को न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री दर्ज किया गया था।
ग्वालियर में हाल के वर्षों में न्यूनतम तापमान सामान्यतः 8 डिग्री तक गिरता है लेकिन वर्ष 1970 में 3 डिग्री तक भी पहुंच चुका है। जबलपुर में 12 नवंबर 1989 को न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री दर्ज किया गया था, जबकि उज्जैन में 30 नवंबर 1974 को 2.8 डिग्री तक तापमान गिरा था। इस बार नवंबर में कई शहरों में तापमान इन रिकॉर्ड के करीब पहुंच गया है।
प्रदेश में इस बार नवंबर के पहले सप्ताह से ही ठंड का असर और बारिश का ट्रेंड सामान्य से अलग दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो दिन प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में ठंड और शीतलहर बनी रहेगी। नागरिकों को ठंड से बचाव के लिए सतर्क रहने और जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।इस प्रकार मध्यप्रदेश इस समय ठंड की लहर और शीतलहर के बीच मौसम का कड़ा अनुभव कर रहा है जो पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ रहा है।
