नई दिल्ली।कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। कांग्रेस सरकार के भीतर नेतृत्व और कैबिनेट फेरबदल को लेकर उठी चर्चाओं ने राज्य की राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच संभावित मतभेद की खबरों के बीच बयानबाज़ी का दौर भी शुरू हो चुका है। इसी क्रम में डीके शिवकुमार का एक नया बयान सत्ता समीकरणों को और दिलचस्प बना रहा है।
दिल्ली दौरे के बाद बढ़ी अटकलें
बीते दिन अचानक डीके शिवकुमार के कई समर्थक विधायक दिल्ली पहुंचे जिसके बाद राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की हलचल तेज़ हो चुकी है। दिल्ली दौरे को लेकर यह कयास लगे कि शिवकुमार पार्टी हाईकमान से मुलाकात कर अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहते हैं। हालांकि अगले ही दिन शिवकुमार बेंगलुरु में मीडिया के सामने आए और अटकलों पर सफाई दी।
ग्रुप बनाना मेरे खून में नहीं सभी 140 MLA मेरे हैं- शिवकुमार
मीडिया से बातचीत में डीके शिवकुमार ने कांग्रेस में खींचतान या गुटबाज़ी की बात को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद हो या मंत्री पद-कांग्रेस के सभी 140 विधायक इस काबिल हैं कि वे बड़ी जिम्मेदारी संभाल सकें।
उन्होंने कहाराज्य के सभी 140 विधायक मेरे विधायक हैं। हमारे सीएम ने कहा है कि वे कैबिनेट में फेरबदल करेंगे, naturally सभी मंत्री बनने में दिलचस्पी रखते हैं। जहां तक दिल्ली जाने की बात है, इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। किसी ने उन्हें बुलाया नहीं वे अपनी इच्छा से गए हैं।शिवकुमार ने कहा कि कुछ विधायक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले और कुछ मुख्यमंत्री से।उन्होंने दावा किया कि इस पूरे घटनाक्रम में उनकी कोई भूमिका नहीं है।वे दिल्ली इसलिए गए क्योंकि वे अपनी मौजूदगी दिखाना चाहते हैंडिप्टी सीएम ने कहा कि विधायक अपनी कार्यक्षमता और सक्रियता हाईकमान के सामने रखना चाहते हैं और यही वजह है कि वे दिल्ली गए।
हर नेता चाहता है कि उसे जिम्मेदारी मिले। वे यह दिखाना चाहते थे कि वे आगे हैं, मेहनत कर रहे हैं और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा सकते हैं।उनके अनुसार यह सब लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसमें किसी प्रकार की नाराज़गी या विद्रोह के संकेत नहीं हैं।सिद्धारमैया ने भी दिया जवाब-हाईकमान जो कहेगा वही होगाजब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से कैबिनेट फेरबदल और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस में अंतिम फैसला हाईकमान का होता है।
सिद्धारमैया ने कहा
कैबिनेट फेरबदल से जुड़ा फैसला हाईकमान ही लेता है। डीके शिवकुमार को भी मुझे भी और सभी विधायकों को वही मानना होगा जो शीर्ष नेतृत्व कहेगा।उन्होंने आगे कहा कि वे अगला बजट स्वयं पेश करने वाले हैं तथा आगे भी अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि वे कल पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने जा रहे हैं जिससे सियासी कयासों को और बल मिला है।
राज्य में बढ़ती राजनीतिक गतिविधियाँ
कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा नई नहीं है। विधानसभा चुनाव के समय हुए रोटेशनल सीएम के कथित फॉर्मूले की बातें आज भी सत्ता के भीतर चर्चा का विषय बनी रहती हैं। हालांकि, पार्टी ने इस तरह के किसी फॉर्मूले की आधिकारिक पुष्टि कभी नहीं की।इस बार भी कैबिनेट विस्तार और फेरबदल की सुगबुगाहट के बीच विधायक समूहों का सक्रिय होना राजनीतिक उठापटक की ओर इशारा करता है।कर्नाटक कांग्रेस में जारी यह हलचल भले ही नेताओं द्वारा सामान्य बताई जा रही हो लेकिन दिल्ली दौरे लगातार बयान और हाईकमान से मुलाकातें संकेत देती हैं कि पार्टी के अंदर कुछ बड़े फैसले जल्द सामने आ सकते हैं।सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार दोनों अपने-अपने camp को संतुलित रखने में जुटे दिखाई दे रहे हैं, और अब सभी निगाहें हाईकमान पर टिकी हुई हैं जो इन घटनाक्रमों का अंतिम निर्णय करेगा।
