नई दिल्ली। कांग्रेस से निष्कासित नेता और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम एक बार फिर अपने तीखे और विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। कभी कांग्रेस नेतृत्व के करीबी माने जाने वाले आचार्य अब पार्टी पर खुलकर हमला बोल रहे हैं।इस बार उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को निशाने पर लिया, आरएसएस की खुलकर प्रशंसा की, और यहां तक कह डाला कि स्वर्ग केवल हिंदुओं को ही मिलेगा। उनके इन बयानों से राजनीतिक और धार्मिक दोनों हलकों में हलचल मच गई है।
राहुल गांधी को बताया ‘बदतमीजों का बादशाह’
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी पर सीधा प्रहार करते हुए उन्हें “बदतमीजों का बादशाह” करार दिया।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करते हैं, न आरएसएस का और न ही संविधान का। उनका बुनियादी संस्कार ही गलत है। उनकी भाषा, बोलचाल और आचरण में बदतमीजी झलकती है।आचार्य यहीं नहीं रुके। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी “हमेशा बेहूदा बातें करते हैं और किसी का आदर नहीं करते।गौरतलब है कि इससे पहले भी वे राहुल गांधी को मूर्खानंदऔर कूड़ेदान मास्टर कह चुके हैं वह भी तब, जब राहुल ने मनमोहन सिंह सरकार के अध्यादेश को सार्वजनिक मंच पर फाड़ दिया था।
आरएसएस की खुलकर प्रशंसा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा आरएसएस पर की गई टिप्पणी के जवाब में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की जमकर तारीफ की।
उन्होंने कहा कि “आरएसएस राष्ट्र के प्रति समर्पित संगठन है। यह तपस्वियों और पराक्रमी लोगों का समूह है, जो हर पल राष्ट्र की सेवा में जुटा है। जो व्यक्ति आरएसएस को गाली देता है, वह राष्ट्रभक्त नहीं हो सकता।”कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के भीतर राष्ट्रविरोधियों की जमात इकट्ठा हो गई है, जो राष्ट्रभक्त संगठनों पर सवाल उठाने में लगी है।
धार्मिक बयान ने मचाई हलचल “स्वर्ग सिर्फ हिंदुओं को मिलेगा”
एक धार्मिक कार्यक्रम में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक ऐसा बयान दिया जिसने नई बहस छेड़ दी। उन्होंने कहा —
हिंदू होना गर्व की बात है। स्वर्ग में स्थान केवल हिंदुओं को ही मिलेगा। हिंदू धर्म के बिना किसी को परलोक में जगह नहीं मिलेगी।उन्होंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू होना अब गौरव का प्रतीक है।उनके इस बयान को जहां समर्थकों ने ‘हिंदू गौरव’ की अभिव्यक्ति बताया, वहीं विरोधियों ने इसे ‘कट्टर और भेदभावपूर्ण’ कहकर निंदा की।
कांग्रेस से निष्कासन के बाद लगातार हमलावर
आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस ने छह साल के लिए निष्कासित किया था।
कारण बताया गया था पार्टी विरोधी गतिविधियां।
दरअसल, उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के बहिष्कार के फैसले की आलोचना की थी।उन्होंने कहा था राम और राष्ट्र पर समझौता किसी कीमत पर स्वीकार नहीं।इसके बाद से वे लगातार राहुल गांधी की कार्यशैली और कांग्रेस की नीति पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कई बार कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथों में होना चाहिए।
राजनीतिक और धार्मिक गलियारों में नई बहस
आचार्य प्रमोद कृष्णम के इन बयानों ने एक बार फिर कांग्रेस को असहज स्थिति में डाल दिया है।एक तरफ उनके समर्थक उन्हें स्पष्टवादी और निर्भीक संत बताते हैं, तो दूसरी ओर विरोधी इन्हें राजनीतिक एजेंडा साधने वाला बयानबाज कह रहे हैं।वहीं, बीजेपी समर्थक वर्ग उनके आरएसएस और हिंदू धर्म से जुड़े बयानों को “राष्ट्रवादी दृष्टिकोण” बताकर सराहना कर रहा है।
कभी कांग्रेस के मंचों पर गूंजने वाली आचार्य प्रमोद कृष्णम की आवाज़, अब पार्टी के खिलाफ गरज रही है।उनके हालिया बयानों ने साफ कर दिया है कि निष्कासन के बाद वे अब पूरी तरह कांग्रेस विरोधी मोर्चे पर हैं।चाहे राहुल गांधी पर तंज हो या आरएसएस की तारीफ आचार्य के शब्दों ने राजनीति की गर्माहट और बढ़ा दी है।
