नई दिल्ली महाराष्ट्र के सतारा में एक महिला डॉक्टर की आत्महत्या ने राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में सीनियर अधिकारियों और अन्य प्रभावशाली लोगों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में आरोपी पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने ने सरेंडर कर दिया है।
लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रविवार, 26 अक्टूबर 2025 को इस घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि सतारा की महिला डॉक्टर ने बलात्कार और उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या की, जो किसी भी सभ्य समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है। राहुल गांधी ने कहा, “एक होनहार डॉक्टर बेटी, जो दूसरों का दर्द मिटाने की आकांक्षा रखती थी, भ्रष्ट सत्ता और तंत्र में बैठे अपराधियों की प्रताड़ना का शिकार बन गई।”
राहुल गांधी ने इसे केवल आत्महत्या नहीं बल्कि संस्थागत हत्या करार दिया। उन्होंने कहा, “जिसे अपराधियों से जनता की रक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी, उसी ने इस मासूम के खिलाफ सबसे घिनौना अपराध किया। उसके साथ बलात्कार और शोषण हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, BJP से जुड़े कुछ प्रभावशाली लोग उस पर भ्रष्टाचार का दबाव डालने की कोशिश कर रहे थे। सत्ता संरक्षित आपराधिक विचारधारा का यह सबसे घिनौना उदाहरण है।”
सांसद ने आगे कहा कि जब सत्ता अपराधियों की ढाल बन जाए, तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए? लेडी डॉक्टर की मौत इस BJP सरकार के अमानवीय और संवेदनहीन चेहरे को उजागर करती है। राहुल गांधी ने न्याय की लड़ाई में पीड़ित परिवार के साथ खड़े होने का भरोसा दिया और कहा कि भारत की हर बेटी के लिए अब डर नहीं, न्याय चाहिए।
मामले के विवरण के अनुसार, डॉक्टर पिछले कुछ महीनों से पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच चल रहे विवाद में फंसी हुई थी। बताया गया है कि एक मेडिकल जांच से जुड़े मामले में पुलिस अधिकारियों से उनके बीच वाद-विवाद हुआ था, जिसके बाद विभागीय जांच भी शुरू हुई। सुसाइड नोट में उन्होंने पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने पर चार बार बलात्कार का आरोप लगाया, जबकि मकान मालिक के बेटे प्रशांत बनकर का नाम भी शामिल था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस घटना ने महाराष्ट्र में राजनीतिक और सामाजिक मंच पर तीखी प्रतिक्रियाएं जन्म दी हैं, और न्याय की मांग तेज हो गई है।
