नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गुरुवार (30 अक्टूबर) की सुबह बाढ़ राहत और आपदा से हुए नुकसान पर चर्चा को लेकर जोरदार हंगामा देखने को मिला। बीजेपी विधायकों की चर्चा की मांग को विधानसभा स्पीकर ने खारिज कर दिया, जिससे सदन में तनाव बढ़ गया और वेल में उतरकर विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
हंगामे की वजह
बीजेपी विधायक लगातार हालिया बाढ़ से हुई त्रासदी और राहत कार्यों पर चर्चा की मांग कर रहे थे। स्पीकर अब्दुल रहीम राठेर ने यह मांग अस्वीकार कर दी। फैसले से नाराज बीजेपी विधायक अपनी सीट छोड़कर सदन के वेल में उतर आए और ‘जम्मू के साथ इंसाफ करो’ जैसे नारे लगाने लगे।
विधायकों के बीच टकराव
जैसे ही बीजेपी विधायक वेल में उतरे, उनकी नेशनल कांफ्रेंस (NC) के विधायकों के साथ तीखी नोकझोंक हुई, जो जल्दी ही धक्का-मुक्की में बदल गई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सदन के मार्शल ने हस्तक्षेप किया और हंगामा कर रहे कुछ विधायकों को सदन से बाहर निकाला गया।
स्पीकर ने क्यों खारिज किया प्रस्ताव?
स्पीकर राठेर ने बीजेपी विधायकों द्वारा लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion) को अस्वीकार करने के तीन प्रमुख कारण बताए। स्पीकर ने कहा कि बाढ़ कोई हाल ही में हुई घटना नहीं है। विधानसभा नियमों के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव केवल अति आवश्यक और हाल ही में हुई घटनाओं पर लाया जा सकता है।स्पीकर ने बताया कि इस विषय पर पहले ही कई प्रश्न स्वीकार किए जा चुके हैं और पिछले दिन मुख्यमंत्री ने विस्तृत उत्तर दिए थे। पवन गुप्ता का बाढ़ राहत से जुड़ा प्रस्ताव पहले से ही अगले दिन (बुधवार) के लिए सूचीबद्ध है।
बीजेपी का प्रदर्शन
स्पीकर के फैसले के विरोध में बीजेपी विधायक वेल में उतरकर लगातार नारेबाजी करते रहे। यह पूरी घटना सदन में मौजूद अन्य विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के लिए चुनौतीपूर्ण बन गई।इस हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया है, जिसमें सदन की असंतुलित स्थिति और राजनीतिक तनाव साफ दिखाई दे रहा है।
