नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (BJP) को केरल से बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने 12 अक्टूबर, 2025 को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की और पार्टी के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य सी. सदानंदन मास्टर को अपनी जगह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की सिफारिश की। इस कदम ने भाजपा और राज्य की राजनीति में अचानक हलचल पैदा कर दी है।
सदानंद मास्टर की मौजूदगी में आयोजित एक समारोह में सुरेश गोपी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सदानंद का राज्यसभा सदस्य बनना उत्तरी कन्नूर जिले की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। उन्होंने कहा, “मैं पूरी ईमानदारी से मानता हूं कि मुझे हटाकर सदानंदन मास्टर को केंद्रीय मंत्री बनाया जाना चाहिए। यह केरल के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय साबित होगा।”
2016 में भाजपा शामिल हुए थे सुरेश गोपी
सुरेश गोपी ने कहा कि, पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने हमेशा युवा नेताओं को आगे लाने का प्रयास किया है। केंद्रीय पेट्रोलियम और पर्यटन राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि वे अक्टूबर 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे और राज्य के सबसे युवा नेताओं में से एक हैं।
मंत्री बनने के मूड में नहीं थे सुरेश गोपी
गोपी ने स्वीकार किया कि कभी वे मंत्री बनने के मूड में नहीं थे। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में जीत के बाद मुझे केंद्रीय मंत्री बनाया गया। मैं अपना फिल्मी करियर छोड़कर कभी मंत्री नहीं बनना चाहता था।” उन्होंने हाल के दिनों में अपनी आय में कमी का भी उल्लेख किया।
सी. सदानंदन मास्टर कौन हैं?
सदानंद मास्टर केरल के त्रिशूर जिले के निवासी हैं और पिछले करीब 25 वर्षों से पेरमंगलम के श्री दुर्गा विलासम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे हैं। उन्होंने 1999 में गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.कॉम और कालीकट विश्वविद्यालय से बी.एड. की डिग्री हासिल की।
सदानंद मास्टर राष्ट्रीय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष और संघ के प्रकाशन ‘देशीय अध्यापक वार्ता’ के संपादक भी हैं। राजनीति में सक्रिय रहते हुए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा; 1994 में कथित माकपा कार्यकर्ताओं के हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे।
