नई दिल्ली। सर्द हवाओं ने दस्तक दे दी है और बर्फ में मस्ती करने का समय आ गया है। हिमाचल जाने वाले अक्सर यही सोचते हैंशिमला जाएं या नारकंडा? दोनों ही जगहें बर्फीली खूबसूरती से भरपूर हैं, लेकिन अनुभव और माहौल दोनों में बड़ा अंतर है। चलिए जानते हैं, आपका सर्दियों का सफर किस जगह और कैसे यादगार बन सकता है।
शिमला: रौनक, रोशनी और शहर की वाइब
हिमाचल की राजधानी शिमला दिल्ली से लगभग 340 किलोमीटर दूर है और हर तरह के सफरसड़क, ट्रेन या फ्लाइटके लिए आसान है।
टॉय ट्रेन का अनुभव: कालका-शिमला रेलवे की टॉय ट्रेन, जो यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल है, पाइन के घने जंगलों और 100 से अधिक सुरंगों से गुजरती है। एक बार सफर किया तो यह यादें जिंदगीभर साथ रहेंगी।
शहर की रौनक: मॉल रोड, द रिज और क्राइस्ट चर्च शिमला की रौनक बढ़ाते हैं। क्रिसमस और न्यू ईयर के समय पूरा शहर जगमगाता है।
कैफे और बर्फ का मज़ा: कैफे सिमला टाइम्स में कॉफी की चुस्कियों के साथ गिरती बर्फ को देखना किसी फिल्मी सीन से कम नहीं।किसके लिए सही: फैमिली ट्रिप, बच्चों के साथ मस्ती, बाजार, कैफे और हलचल भरे शहर का आनंद लेने वाले।
नारकंडा: सन्नाटा, शांति और हिमालय का आलिंगन
यदि आप भीड़ से दूर, हिमालय की गोद में शांति और बर्फ का सुकून महसूस करना चाहते हैं, तो नारकंडा है सही विकल्प।
प्रकृति की गोद में: शिमला से करीब 61 किलोमीटर दूर बसा यह छोटा कस्बा देवदार के पेड़ों और बर्फ से ढकी वादियों से घिरा है।
हिमालय के नज़ारे: हाटू पीक से दिखाई देती शिवालिक और धौलाधार पर्वतमालाओं की ऊँची चोटियां किसी पोस्टकार्ड से कम नहीं।
रात का जादू: बोनफायर के चारों ओर बैठकर तारों भरे आसमान को देखना और सन्नाटे में हवा की गूंज महसूस करना हर ट्रैवलर का दिल जीत लेता है।किसके लिए सही: कपल्स, एडवेंचर लवर्स, ऑफबीट ट्रैवल और शांति पसंद करने वाले।
कहां जाएं और क्यों
जरुरत / अनुभव सही जगह
कैफे, बाजार और आसान सफर शिमला
सुकून, बर्फ और प्राकृतिक शांति नारकंडा
फैमिली ट्रिप या बच्चों के साथ मस्ती शिमला
कपल्स, ऑफबीट और एडवेंचर लवर्स नारकंडा
शिमला: शहर की रौनक, रोशनी, विंटर पार्टी और फैमिली मस्ती।
नारकंडा: हिमालय का सुकून, सन्नाटा, रोमांच और नेचर का आनंद।
अगर आप हिमाचली बर्फ का मज़ा उठाना चाहते हैं, तो शिमला और नारकंडा दोनों ही शानदार हैंफर्क सिर्फ एहसास और अनुभव का है।
