स्टॉकहोम । रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने सोमवार को वर्ष 2025 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जोएल मोकिर, फिलिप एघियन और पीटर होविट को देने की घोषणा की। नोबेल समिति ने कहा कि यह पुरस्कार नवाचार-संचालित आर्थिक विकास की व्याख्या करने के लिए दिया जा रहा है।
पुरस्कार स्वरूप विजेताओं को संयुक्त रूप से 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 1.2 मिलियन डॉलर) और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। ये पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में प्रदान किए जाएंगे।
नोबेल समिति ने बताया कि पुरस्कार का आधा हिस्सा जोएल मोकिर को दिया जाएगा, जिन्होंने “तकनीकी प्रगति के माध्यम से सतत विकास के लिए आवश्यक शर्तों की पहचान” की। शेष आधा हिस्सा फिलिप एघियन और पीटर होविट को “रचनात्मक विनाश के माध्यम से सतत विकास के सिद्धांत के लिए” संयुक्त रूप से दिया जाएगा।
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार औपचारिक रूप से अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में बैंक ऑफ स्वीडन पुरस्कार के रूप में जाना जाता है। इसकी स्थापना 1968 में की गई थी। नोबेल ने डायनामाइट का आविष्कार किया और पांच नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की थी। अब तक अर्थशास्त्र के नोबेल विजेताओं में केवल तीन महिलाएं शामिल हैं। पिछले वर्ष का पुरस्कार डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन को दिया गया था।
जोएल मोकिर का जन्म 1946 में नीदरलैंड्स के लीडेन में हुआ। उन्होंने 1974 में येल विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त की और वर्तमान में अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
फिलिप एघियन का जन्म 1956 में फ्रांस के पेरिस में हुआ। उन्होंने 1987 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त की और वर्तमान में ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में प्रोफेसर के पद पर हैं।
पीटर होविट का जन्म 1946 में कनाडा में हुआ। उन्होंने 1973 में नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त की और वर्तमान में अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
तीनों विजेताओं का योगदान नवाचार और रचनात्मक बदलाव के माध्यम से आर्थिक विकास के सिद्धांत को समझने में अहम माना जा रहा है। उनका काम नीति निर्माताओं और अर्थशास्त्रियों के लिए मार्गदर्शन का स्रोत साबित होगा।
