पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। राज्य की सत्ता पर कब्ज़ा बनाए रखने के लिए ममता बनर्जी की टीएमसी (TMC) एक बार फिर मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपने संगठन और रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। इस बीच इंडिया टुडे-सी-वोटर के संयुक्त सर्वे ‘मूड ऑफ द नेशन’ ने बंगाल की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है।
सर्वे में क्या आया सामने?
सर्वे के अनुसार, पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन (INDIA Bloc) यानी टीएमसी, कांग्रेस और वामपंथी दलों का वोट शेयर लगातार मज़बूत होता दिख रहा है।
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2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को लगभग 51% वोट मिले थे।
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फरवरी 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 56% हुआ।
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अगस्त 2025 तक यह थोड़ा घटकर 55% पर आ गया, लेकिन यह अब भी बीजेपी से आगे है।
वहीं, एनडीए (NDA) यानी बीजेपी और उसके सहयोगियों का वोट प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
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2024 में 39% वोट मिलने के बाद फरवरी 2025 में यह 40% तक पहुंचा।
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अगस्त 2025 के सर्वे में यह 41% पर पहुंचा है, यानी बीजेपी की लोकप्रियता में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
टीएमसी की स्थिति पहले से मजबूत
सर्वे के मुताबिक, ममता बनर्जी की टीएमसी अब भी बंगाल की सबसे लोकप्रिय पार्टी बनी हुई है।
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2024 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने 42 में से 29 सीटें जीती थीं।
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अगस्त 2025 के ताजा सर्वे में पार्टी को 31 सीटों तक पहुंचने का अनुमान है।
यह बढ़त बताती है कि ममता बनर्जी का जनाधार अब भी बरकरार है और बीजेपी के लिए राज्य में रास्ता आसान नहीं होगा।
कांग्रेस की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस को कोई सीट मिलने की संभावना नहीं जताई गई है। वहीं वाम दलों का भी कोई खास प्रभाव नजर नहीं आ रहा।
BJP के लिए संकेत और चुनौती दोनों
सर्वे में यह भी सामने आया कि पश्चिम बंगाल के 52% लोग एनडीए सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि लगभग 27% असंतुष्ट हैं। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार के प्रति विश्वास बना हुआ है, लेकिन राज्य में मतदाता अब भी टीएमसी को अधिक पसंद कर रहे हैं।
बीजेपी के वोट प्रतिशत में 1% की मामूली बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि पार्टी ने राज्य में अपने संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम किया है। पार्टी अब ममता सरकार के खिलाफ मुद्दों को तेज़ी से उठाने और बंगाल की जनता तक पहुंचने की रणनीति बना रही है।
2026 के चुनाव का संभावित समीकरण
अगर ममता बनर्जी की टीएमसी अकेले चुनाव लड़ती है, तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है — जिसमें बीजेपी को फायदा मिलने की संभावना रहेगी। लेकिन अगर इंडिया गठबंधन एकजुट होकर मैदान में उतरता है, तो बंगाल में ममता की स्थिति और भी मजबूत हो सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2026 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी का जनाधार कायम है, लेकिन बीजेपी भी अब पिछली गलतियों से सबक लेकर नई रणनीति और संगठनात्मक मजबूती के साथ उतर रही है।
