इंदौर। मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय हॉस्पिटल में लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में खलबली मच गई है। कबड्डी की राष्ट्रीय महिला खिलाड़ी को एक्सपायरी हो चुकी एंटीबायोटिक दवा चढ़ाने की कोशिश को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से कठोर कदम उठाए हैं। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने नर्सिंग स्टाफ की गंभीर चूक को उजागर किया है, जिसके बाद तीन नर्सों पर कार्रवाई की गई है।
लापरवाही का भंडाफोड़ और त्वरित एक्शन
घटना के सामने आते ही मेडिसिन विभाग में हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि नर्सिंग ऑफिसर आसमा अंजुम की ओर से दवा चढ़ाने के दौरान गंभीर लापरवाही हुई। आरोपों को पर्याप्त माना गया, जिसके बाद उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया है।वहीं इंचार्ज नर्सिंग ऑफिसर नैना गौतम पर दवाइयों की मॉनिटरिंग ठीक से न करने का आरोप सिद्ध हुआ। अस्पताल प्रशासन ने इस लापरवाही को गंभीर माना और उनकी एक वर्ष के लिए वेतन वृद्धि रोकने का प्रस्ताव तैयार किया है।तीसरी कार्रवाई सीनियर नर्सिंग ऑफिसर एंजेलिना विल्फ्रेड के खिलाफ हुई है। उन पर स्टोर एवं स्टॉक रजिस्टर की देखरेख में कमी बरतने का आरोप पाया गया जिसके चलते उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव जारी किया गया है।
कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग के एचओडी डॉ. धमेंद्र झंवर सहित अन्य संबंधित स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रारंभ में जांच समिति की अध्यक्षता डॉ. झंवर को सौंपी गई थी लेकिन निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए समिति का पुनर्गठन किया गया और सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभय ब्राह्मणे को इसकी कमान सौंपी गई।नई जांच समिति में डॉ. रामु ठाकुर, डॉ. जितेंद्र वर्मा, डॉ. अंकित थोरा तथा नर्सिंग अधीक्षक दयावंती दलाल शामिल हैं। समिति ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जिनमें सभी ने दावा किया कि एक्सपायर्ड एंटीबायोटिक की बोतल का उपयोग नहीं किया गया था, बल्कि उसे लगाने की तैयारी के दौरान ही गलती पकड़ी गई।
घटना कैसे हुई-मामले की पूरी कहानी
यह पूरा मामला तब सामने आया जब 27 वर्षीय राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी रोशनी सिंह को 12 नवंबर को पेट में एसिटिक फ्लूइड की समस्या के चलते हॉस्पिटल के वार्ड नंबर 21 में भर्ती किया गया था। उपचार के दौरान रोशनी के पति सागर सिंह ने देखा कि ड्रिप लाइन पर लगाई जा रही सिप्रोफ्लॉक्सासिन एंटीबायोटिक की वायल एक्सपायर हो चुकी है।सागर ने तत्काल आपत्ति जताई और इसकी रिकॉर्डिंग भी कर ली। वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ जिसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया। शुक्रवार को सागर सिंह का एक और वीडियो सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि स्टॉक की मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने स्टाफ को एक्सपायर्ड बोतल के बारे में बताया तो उसे तुरंत हटाया गया और साथ ही स्टोर में रखी एक अन्य एक्सपायर्ड दवा की बोतल भी निकाल ली गई।
अस्पताल प्रबंधन जांच को लेकर गंभीर
एमवाय प्रबंधन ने कहा है कि रोगियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी और दवाओं के स्टॉक प्रबंधन को और अधिक सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।राष्ट्रीय खिलाड़ी को एक्सपायर्ड दवा लगाने का आरोप, एमवाय अस्पताल में भड़का विवाद; एक नर्स निलंबित
