खंडवा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गुरुवार को नर्मदा नदी में 6 मगरमच्छ छोड़ने के फैसले ने खंडवा के नर्मदानगर में बड़ा राजनीतिक और सामाजिक उबाल पैदा कर दिया है। सरकार इसे ‘पुण्य सलिला मां नर्मदा के वाहन’ को बसाने का संकल्प बता रही है, लेकिन मछुआरा संगठनों ने इसे साक्षात मौत परोसना और अपनी आजीविका के लिए बड़ा खतरा करार दिया है।
मगरमच्छों को उतारने में छूटे पसीने, फिर सीएम ने दिया सेंचुरी का भरोसा
खंडवा के नर्मदानगर स्थित साकल घाट पर मगरमच्छों को पिंजरों से नर्मदा के बैकवाटर में छोड़ा गया। पिंजरे से निकलने के बावजूद मगरमच्छ एक घंटे तक पानी में नहीं उतरे। खुद मुख्यमंत्री और वनकर्मियों को उन्हें लाठी की मदद से आगे बढ़ाना पड़ा।मौके पर मौजूद पत्रकारों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सीधा सवाल किया कि,क्या मगरमच्छों से आमजन को खतरा नहीं होगा?
तो सीएम ने जवाब दिया कि, मुख्यमंत्री ने मगरमच्छों से खतरे की आशंका को सीधे खारिज करते हुए जवाब दिया, जहां मगरमच्छ छोड़े, वहां सेंचुरी घोषित कर रहे हैं। सीएम ने घोषणा की कि मध्य प्रदेश स्थापना दिवस यानी 1 नवंबर को ओंकारेश्वर अभयारण्य की घोषणा की जाएगी। उन्होंने पास खड़े वन मंत्री विजय शाह की ओर इशारा करते हुए कहा कि,उनके जन्मदिन के दिन यह घोषणा होगी।
नर्मदा में छोड़े गए इन 6 मगरमच्छों 4 मादा और 2 नर को भोपाल से नर्मदानगर लाया गया था। जिला पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने बताया कि ये सभी मगरमच्छ अन्य नदी और तालाबों से रेस्क्यू किए गए थे, जिन्हें इंदिरा सागर डैम के बैक वाटर में छोड़ा गया है।
मछुआरा कांग्रेस का तीखा विरोध: ‘छोटी नाव वालों को शिकार बनाएंगे मगरमच्छ’
मुख्यमंत्री के इस फैसले का मछुआरा कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे गरीबों की आजीविका पर सीधा हमला बताया है। सदाशिव भंवरिया (प्रदेशाध्यक्ष, मछुआरा कांग्रेस) मुख्यमंत्री ने इंदिरा सागर डेम के खंडवा, हरदा व देवास जिलों के हजारों मछुआरों को साक्षात मौत परोसते हुए मगरमच्छ व घड़ियाल छोड़ा है। करीब एक लाख हेक्टेयर जलक्षेत्र में मगरमच्छों का परिवार बढ़ने लगेगा।
मछुआरा संगठनों का तर्क है कि इंदिरा सागर जलाशय में डूब प्रभावित और विस्थापित मछुआरे आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं। वे बड़ी बोट या नाव का उपयोग नहीं करते, बल्कि छोटी नावों या टायर-ट्यूब के सहारे मत्स्याखेट करते हैं। ऐसे में, मगरमच्छों की मौजूदगी इन गरीब मछुआरों को आए दिन अपना शिकार बनाएगी, जिससे उनकी जान और आजीविका दोनों को खतरा होगा।
