उज्जैन बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक जुबिन नौटियाल शुक्रवार को भगवान महाकाल के मंदिर में भस्म आरती में शामिल हुए। जुबिन ने सुबह करीब चार बजे महाकालेश्वर मंदिर का दौरा किया और नंदी हॉल में बैठकर भस्म आरती में भाग लिया। इस दौरान वे आरती में मंत्रमुग्ध दिखाई दिए और भगवान महाकाल के प्रति अपनी गहरी भक्ति का प्रदर्शन किया।
आरती के बाद जुबिन ने देहरी से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया और अपने आगामी टूर के लिए भगवान से सफलता और सुरक्षित यात्रा की प्रार्थना की। जुबिन लंबे समय से महाकाल के बड़े भक्त माने जाते हैं और यह उनका चौथा मौका है जब वे इस पवित्र स्थल पर दर्शन करने पहुंचे हैं। करीब दो वर्ष पहले भी वे महाकाल मंदिर में भस्म आरती में शामिल हुए थे और उसी अवसर पर उन्होंने भजन भी प्रस्तुत किए थे।महाकाल मंदिर समिति के सहायक प्रशासक आशीष पलवाडिया ने जुबिन को दर्शन के बाद सम्मान स्वरूप दुपट्टा भेंट किया। जुबिन ने मंदिर की व्यवस्थाओं की भी सराहना की और कहा कि मंदिर परिसर और दर्शन व्यवस्था उत्तम है। उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल के प्रति श्रद्धा देखकर वे हमेशा अभिभूत हो जाते हैं और यहां की शांति और पवित्र वातावरण उन्हें बेहद भाता है।
जुबिन नौटियाल ने कहा कि महाकाल मंदिर की भस्म आरती में भाग लेना उनके लिए हमेशा एक आध्यात्मिक अनुभव होता है। उन्होंने बताया कि वे आरती के समय पूरी तरह से शिव भक्ति में लीन हो जाते हैं और मंत्रों की गूँज में उनकी आत्मा को शांति और आनंद की अनुभूति होती है। उनका कहना है कि यह स्थल उन्हें हर बार नए उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।भस्म आरती में जुबिन के शामिल होने से मंदिर में उत्साह का माहौल बना रहा। भक्तजन और स्थानीय लोग भी उनके दर्शन करने के लिए जमा हुए और जुबिन के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की। जुबिन ने भक्तों के साथ समय बिताते हुए कई लोगों के साथ फोटो और अभिवादन भी साझा किया।जुबिन नौटियाल का यह भक्तिपूर्ण दृष्टिकोण उनके फैंस और संगीत प्रेमियों के लिए भी प्रेरणादायक साबित हुआ। उन्होंने कहा कि संगीत और भक्ति उनके जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं और दोनों ही उन्हें मानसिक और आत्मिक सुकून प्रदान करते हैं। जुबिन के अनुसार, भगवान महाकाल के दर्शन और भस्म आरती में शामिल होना उन्हें हर बार नए उत्साह और ऊर्जा से भर देता है।
जुबिन ने यह भी साझा किया कि महाकालेश्वर मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत और पवित्र है। यहां आने से उन्हें अपने जीवन में स्थिरता और मानसिक शांति का अनुभव होता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भी समय-समय पर धार्मिक स्थलों का भ्रमण करें और अपनी श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करें।इस प्रकार, जुबिन नौटियाल का महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती में शामिल होना उनके भक्तिपूर्ण जीवन और संगीत के प्रति समर्पण को दर्शाता है। उनकी भक्ति और मंदिर में बिताया गया समय न केवल उनके लिए, बल्कि उनके फैंस और भक्तों के लिए भी एक यादगार अनुभव साबित हुआ।
