भोपाल। एम्स (AIIMS) भोपाल के डॉक्टरों द्वारा इमरजेंसी गेट के सामने नशे में हंगामा करने का विवाद थमने के बजाय और बढ़ गया है। इस घटना का एक तीसरा वीडियो सामने आया है, जिसमें डॉक्टर खुलेआम पुलिसकर्मियों से बहस करते, धमकियां देते और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने अब एक आरक्षक की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली है, जबकि एम्स प्रशासन ने एक डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया है।
वीडियो में डॉक्टरों के विवादास्पद बयान
यह घटना मंगलवार देर रात करीब 2 बजे की है, जब 4 डॉक्टर इमरजेंसी गेट के सामने कार खड़ी कर शराब पार्टी कर रहे थे। तीसरे वीडियो में डॉक्टरों के विवादास्पद बोल सामने आए हैं:
डॉ. साहिल कहते सुने जा रहे हैं, “मैं यहां 10 साल से पी रहा हूं, यह मेरा कॉलेज है।” उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर भी खुद नशे में होने का आरोप लगाया और उन्हें रोकने का ‘सबूत’ या ‘कागज’ दिखाने को कहा।
एक अन्य डॉक्टर, डॉ. प्रकल्प गुप्ता ने पुलिसकर्मियों से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा:
तुमको सर क्यों बोलें? जो तुम्हारा नाम होगा, उसी से बुलाएंगे।
तुम्हारे सर को बोलो, हमारे हॉस्टल से उठवा लो।
पहले सामने आए वीडियो में एक डॉक्टर ने पुलिसकर्मी से गाली-गलौज करते हुए कहा था, मैं 2016 से यहां हूं, 10 थानों के अफसरों को जानता हूं, तुम कौन हो?
पुलिस कार्रवाई और FIR
आरक्षक अजय गुर्जर की शिकायत पर बागसेवनिया पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
डॉक्टरों पर सरकारी काम में बाधा डालने, मोबाइल छीनने और पुलिसकर्मियों से गाली गलौज करने का आरोप लगाया गया है।
एसीपी रजनीश कश्यप ने बताया कि एम्स के सामने कार में शराब पी रहे लोगों को जब रोका गया, तो उन्होंने बदतमीजी की और धमकाया, जिसके बाद संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।पुलिस ने इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए एम्स प्रशासन को भी पत्र भेजा है।
एम्स प्रशासन की सख्त कार्रवाई
एम्स भोपाल प्रशासन ने डॉक्टरों के इस व्यवहार को अत्यंत गंभीरता से लिया है और सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।पुलिस से बदतमीजी करने वाले डॉ. साहिल को तत्काल प्रभाव से सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया है।
वीडियो में नजर आ रहे अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही गई है।एम्स प्रबंधन ने आधिकारिक बयान में कहा है कि यह व्यवहार संस्थान के मानकों के अनुरूप नहीं है, और यह सुनिश्चित करना हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हर समय उचित व्यवहार बनाए रखा जाए।
डॉक्टरों के हंगामे पर RDA की चुप्पी: एम्स प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई
एम्स भोपाल के रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा नशे में हंगामा करने और पुलिस से बदतमीजी करने के इस गंभीर मामले पर, अभी तक रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जो आमतौर पर डॉक्टरों से जुड़े किसी भी बड़े विवाद या कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हैं।हालांकि, एम्स प्रशासन ने इस मामले में कठोर कदम उठाते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
एम्स प्रशासन ने लिया कड़ा फैसला
एम्स प्रशासन ने अपने डॉक्टरों के व्यवहार को संस्थान के मानकों के अनुरूप नहीं मानते हुए तत्काल कार्रवाई की है:
पुलिस से गाली-गलौज करने वाले मुख्य रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. साहिल को तत्काल प्रभाव से सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया है।वीडियो में नजर आ रहे अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ भी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है।एम्स प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मेडिकल पेशे की मर्यादा और संस्थान के नियमों का उल्लंघन किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आरक्षक अजय गुर्जर की शिकायत पर सरकारी काम में बाधा डालने और बदतमीजी करने के आरोप में FIR दर्ज कर ली है और मामले की जांच जारी है।RDA की चुप्पी इस बात का संकेत हो सकती है कि मामला स्पष्ट रूप से डॉक्टरों के गलत आचरण से जुड़ा है और एम्स प्रशासन की कार्रवाई सख्त लेकिन न्यायसंगत है।
