भोपाल । भोपाल के गौतम नगर इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसमें एक युवक की सिर पर पत्थर से वार करके हत्या कर दी गई। यह हत्या महज बीड़ी न पिलाने से नाराज होकर की गई। घटना बुधवार सुबह करीब 5 से 6 बजे के बीच घटित हुई, जब आरोपी कार्तिक राठौर ने 50 वर्षीय सुरेश कुशवाहा का सिर पत्थर से कुचल दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ जारी है।
बीड़ी न पिलाने पर विवाद फिर हत्या
पुलिस के मुताबिक मंगलवार रात को कार्तिक राठौर का जन्मदिन था। वह सुरेश के पास गया और बीड़ी मांगी। इसी दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि रात में दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। हालांकि उस वक्त मामला सुलझा लिया गया था लेकिन आरोपी ने इस छोटी सी बात का बदला सुबह अपनी दरिंदगी से लिया।
अगली सुबह आरोपी फिर से उसी स्थान पर आया, जहां सुरेश सो रहा था। उसने आसपास से एक बड़ा पत्थर उठाया और सुरेश के सिर पर पूरी ताकत से वार कर दिया। वारदात के बाद, आरोपी यह देखने के लिए वापस लौटा कि सुरेश जिंदा है या नहीं। जब उसे लगा कि सुरेश ने दम तोड़ दिया है तो उसने एक और बार पत्थर से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी। इस पूरी घटना ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं बल्कि यह भी दर्शाया कि किस हद तक लोग छोटी छोटी बातों पर कातिलाना प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
थाने से महज 100 मीटर दूर वारदात
यह घटना गौतम नगर थाने से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर हुई, जो कि पुलिस के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। यह घटना इस बात को भी दर्शाती है कि जब अपराधी खुलेआम और पुलिस के नजदीक भी इस तरह की वारदात को अंजाम दे सकते हैं, तो पुलिस की निगरानी और सतर्कता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। हालांकि पुलिस ने आरोपी को महज दो घंटे में पकड़ लिया और उसकी गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है।
आरोपी की गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी कार्तिक राठौर को हिरासत में ले लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने हत्या की बात स्वीकार कर ली है और अब उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया है और आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा।
सुरेश कुशवाहा का पारिवारिक और सामाजिक जीवन
50 वर्षीय सुरेश कुशवाहा एक मेहनतकश व्यक्ति था जो मजदूरी का काम करता था। वह गौतम नगर इलाके के फुटपाथ पर सोता था और यहीं पर उसकी हत्या कर दी गई। सुरेश का कोई स्थायी घर नहीं था और वह आमतौर पर फुटपाथ पर ही रुककर अपना दिन काटता था। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि गरीब और कमजोर वर्ग के लोग समाज में कितने असुरक्षित महसूस करते हैं।
हत्या की जड़ में असहमति और असहमति की गंभीरता
यह मामला इस बात को उजागर करता है कि कितनी छोटी सी असहमति जैसे बीड़ी न पिलाने को लेकर हुआ विवाद किसी व्यक्ति के जीवन का अंत कर सकती है। इस तरह की घटनाएं समाज में बढ़ती हिंसा और असहिष्णुता को दर्शाती हैं। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें एक दूसरे के प्रति संवेदनशील और समझदारी से पेश आना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
भोपाल में हुई इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि अगर समाज में लोगों के बीच असहमति के समाधान के बजाय हिंसा का रास्ता चुना जाए, तो उसके परिणाम कितने भयानक हो सकते हैं। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश की है, लेकिन यह घटना समाज में हिंसा के बढ़ते स्तर पर गंभीर सवाल उठाती है।
