होशंगाबाद और हरदा का प्रतिनिधित्व करने वाले 3 सांसद ओर 6 विधायक केडर अधिकारी दिलाने में लाचार, किसानो के लिए सहकारिता बनी छलावा
आत्माराम यादव पीव
नर्मदापुरम जिला सहकारी बैंक नर्मदापुरम और हरदा जिलों के लाखों किसानों का समितियों के माध्यम से खादबीज का ऋण बाटने में पिछले 2 सालों से असफल है ओर मजबूरी में किसानों को फिर से सूदखोरों ओर अन्य कर्जों पर निर्भर होने से समितियों के कारोबार ठप्प होने से सहकारिता का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है जिसका कारण अपेक्स बैंक द्वारा पूर्णकालिक मुख्यकार्यपालन अधिकारी की पदस्थी नही कर विदिशा में वर्ष 2005 से संविलियन से पदस्थ बैंक कर्मचारी को पुनः केडर का दर्जा देकर नर्मदापुरम बैंक का अतिरिक्त प्रभार देना ओर उनका एक साल में 25-30 दिन भी अपनी उपस्थिती दर्ज न कराकर महीनों गायब रहना बैंकिग कार्य के लिए अभिशाप बनता जा रहा है जिससे बैंक के सारे काम बुरी तरह प्रभावित होने से लेनदेन में ठप्प सा है। कहने को कलेक्टर प्रशासक है किन्तु वे भी इस और ध्यान नही दे रही है जिससे निचले स्तर के कर्मचारिओं को खुली लुट की छुट मिली है और समितिओं के सारे काम बंद होने के कगार पर होने से जिला सहकारी बैंक नर्मदापुरम के कार्य भी लम्बायमान होए से बैंक में ताला लगने की स्थिति बन गई है परंतु इन दोनो जिलों में बीजेपी के 2 सांसद एक राज्यसभा सांसद ओर 6 विधायक है जो किसानों के हितों को नजरअंदाज कर इस मामले में बेवश ओर लाचार बने हुये है।
मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री ओर सहकारिता मंत्री सहित सांसद ओर विधायकों के दावे है की नर्मदापुरम विश्व में अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है ओर यह दुनिया भर के बड़े उधयोगपति अपना कारोबार शुरू करने जा रहे है किन्तु सहकारिता के मामले में यह जिला फिससड्डी साबित हो रहा है ओर जनप्रतिनिधि समझ नहीं पा रहे है कि जिला किस दिशा में प्रगति कर रहा है ओर प्रगति कि दशा एसी है तो क्या यह प्रगति ठीक है? जब से जिला सहकारी बैंक में विदिशा के महाप्रबंधक विनयप्रकाशसिंह को प्रभारी का अतिरिक्त भार दिया है, वे सप्ताह में मंगलवार ओर गुरुवार को उपस्थित होते है, एक साल बीत चुका है ओर उनकी उपस्थिती एक साल में मुश्किल से 25-30 दिन ही रही है, परिणाम स्वरूप किसानों के काम नही हो रहे है, किसी भी शाखा में खातेदार को 5 हजार से ज्यादा रुपए देने कि स्थिति नहीं होने से बैंक के सारे काम ठप्प पड़े है, बैंक प्रशासक कलेक्टर सोनिया मीना को अन्य कामो से फुर्सत न होने से बैंक आगे चलेगी यह कहना मुश्किल है।
नर्मदापुरम के लोकसभा सांसद दर्शन सिंह, राज्यसभा सांसद श्रीमति माया नारोलिया हरदा-बेतुल सांसद दुर्गादास ऊईके तथा जिले के विधायक डॉ, सीताशरण शर्मा, विजय पाल,ठाकुरदास नागवंशी, प्रेमशंकर वर्मा एवं हरदा विधायक आरके दोगने व टिमरनी विधायक अभिजीत शाह की केंद्र व प्रदेश में सरकार होने के बाद भी क्या कारण है की ये सभी विधायकों की कमजोरी के कारण यह बैंक रेंगने को विवश होकर असुरक्षित हो गई ओर ये बेचारे कर्मठ-लगनशील सांसद- विधायक मिलकर इस जिला बैंक को पूर्णकालिक केडर अधिकारी नही दिला पा रहे है, जिससे जिला सहकारी बैंक में ताला लगने का हालात पैदा हो गए है। पूर्व में इस बैंक कि प्रगति का ढिंढोरा पीटने वाले ये ही विधायक वर्ष 2009 में बैंक में जिस केडर अधिकारी को अपेक्स बैंक ने 36 करोड़ रुपए कि कर्जमाफ़ी के कारण निलंबित कर उसकी सेवाए समाप्त कर दी उसी आर के दुबे ने अपने ही हस्ताक्षर से जिला बैंक के सीईओ के पद पर खुद के नियुक्ति पत्र जारी कर नियमविरुद्ध काम किया। हरदा शाखा में 2 करोड़ 77 लाख कि सिलक गायब होने पर जिस आर के दुबे को आरोपी बनाकर पुलिस ने जेल में डाला उसी अधिकारी को फिर से बैंक में पदस्थ किया जबकि तब तक उसपर रीवा बैंक में पदस्थी के दरम्यान 25 करोड़ रुपए के गवन धोखाधड़ी का निर्णय वर्ष 2021 में आ गया तब उक्त राशि उससे वसूले बिना इसी सरकार के उन विधायकों ने जो विधानसभा में उसे जेल भेजने ओर हटाने को लेकर सेकड़ों प्रश्न लगाते रहे वे ही मंत्री बनते उसपर मेहरवान हुये ओर अपेक्स बैंक ने सेवा समाप्ती के 12 साल बाद बिना किसी न्यायालय के आदेश के उक्त को अपेक्स बैंक के केडर अधिकारी का दर्जा ही नहीं दिया अपितु उसकी वरिष्ठता भी बरकरार रख उसे नर्मदापुरम से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृहनगर उज्जैन में पदस्थ कर उसके द्वारा किए 400 करोड़ के घोटालों को भुला दिया गया।
आर के दुबे कि तर्ज पर 2005 में विदिशा में विनयप्रकाश सिंह का संविलियन हुआ जिसे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का संरक्षण प्राप्त होने से वह अब तक वही पदस्थ है ओर उसे नर्मदापुरम का अतिरिक्त सीईओ का प्रभार देने के बाद पिछले एक साल से वह दशहरे का नीलकंठ बना गायब है, परिणाम स्वरूप बैंक कर्मचारियो ओर दूसरे अधिकारियों के भ्रष्टाचार की जननी बन गई तथा भ्रष्टाचारी कर्मचारी जांच के बाद दोषी पाये जाने पर निलंबन के बाद वही पदस्थ है जहा के भ्रष्टाचार के लिए उसे निलंबित किया यह सब प्रभारी एमडी विनयप्रकाश सिंह के संरक्षण में हो रहा है। पुरानी इटारसी कि समितियों सहित सोहागपुर पिपरिया बनखेड़ी शाखाओं कि समितिओ में किसानों के साथ छ्ल कपट ,ओर बेईमानी करने वाले समिति प्रबन्धक के खिलाफ कलेक्टर के एफआईआर आदेश के बाबजुद एमडी विनयप्रकाश सिंह सोहागपुर शाखा करनपुर समिति के प्रबन्धक रोहित ऊईके से पिछले वर्ष जुलाई माह गलत आदेश कराकर दोषी सहायक प्रबन्धक संजय किरार ओर माधव रघुवंशी को निलंबन के बाद भी वही नौकरी करवा रहा है जिसकी जानकारी विधायको सहित कलेक्टर को है पर सभी एमडी विनयप्रकाश के सामने बौने साबित हो रहे है ।
जिला बैंक की ओर सांसद विधायक ओर कलेक्टर की उपेक्षा का ही परिणाम है इस वर्ष सरकार के गेहूं खरीदी के पंजीयन हेतु किसानों के आधार कार्ड में दर्ज बैंक के खाते के कालम में जिला सहकारी बैंक के विकल्प को समाप्त कर दिया ओर सभी राष्ट्रीयकृत बैंको के नाम जुडने से अरबों रुपए जिला बैंक के खातों में आने से उसके व्याज आदि का लाभ होता वह संशोधन या डिलीट कर जिला बैंक के नाम न रखे जाने की स्थिति में पूरे प्रदेश की जिला बैंको को एक रुपए का फायदा न होकर करोड़ो का नुकसान होने से बैंके ताला लगने की नौबत बनने जा रही है। अगर सरकारी बेबसाइट पर यह सब हो रहा है तो निश्चित रूप से बड़े स्तर पर सरकारी निर्णय ही माना जा सकता है, अगर त्रुटिवश है तो प्रदेश सरकार को सहकारी बैंको, समितिओ ओर किसानों के हित में सुधारने की आवश्यकता है । निश्चित ही नर्मदापुरम के सांसद, विधायक अपने जिले की सहकारी बैंक के अस्तित्व को बनाए रखने हेतु तत्काल अपेक्स बैंक के किसी ईमानदार पूर्णकालिक केडर अधिकारी की नियुक्ति कराकर अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन कर सकते है, अन्यथा की स्थिति में ये कभी क्षम्य नही होंगे।
