इंदौर। कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी-राजनीतिक हस्ती रॉबर्ट वाड्रा इन दिनों मध्यप्रदेश में धार्मिक यात्रा पर हैं। सोमवार को उन्होंने ओंकारेश्वर में नर्मदा तट पर पूजा-अर्चना की और ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए। इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों पर गंभीर सवाल उठाए। वाड्रा ने कहा कि यदि बिहार में चुनाव दोबारा कराए जाएं और वह भी बैलेट पेपर से तो परिणाम पूरी तरह बदल जाएगा।
ओंकारेश्वर में की पूजा आंदोलनकारी से मिले आश्रमों का भी किया दौरा
रॉबर्ट वाड्रा सुबह-सुबह इंदौर से ओंकारेश्वर पहुंचे। नर्मदा किनारे उन्होंने विधि-विधान से पूजा की, जिसकी अगुवाई महंत मंगलदास महाराज ने की। वाड्रा अपने दौरे के दौरान ममलेश्वर महालोक परियोजना के विरोध में चल रहे आंदोलनकारियों से भी मिले और उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहनी चाहिए, और मंदिर को राजनीति से दूर रखना चाहिए।
इसके बाद वाड्रा स्थानीय वृद्ध आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने बुजुर्गों को कंबल और फल वितरित किए। दोपहर में वे इंदौर लौटे और खजराना गणेश मंदिर में दर्शन किए। रविवार को भी वे यहां पहुंचे थे और बच्चों के लिए अनाथ आश्रम में भोजन परोसा था।
मीडिया से बातचीत बिहार चुनाव में धांधली हुई बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराएं
ओंकारेश्वर से इंदौर लौटते समय रॉबर्ट वाड्रा ने पत्रकारों से बातचीत की। बिहार चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि जनता चुनाव परिणामों से खुश नहीं है। उनका आरोप था कि चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ियां हुई हैं और 10 हजार रुपए तक की रिश्वत देकर वोट प्रभावित किए गए। वाड्रा ने कहा। बिहार में दोबारा चुनाव होना चाहिए। बैलेट पेपर से हो तो असली नतीजा सामने आएगा। जो अभी परिणाम आया है वह जनता की इच्छा नहीं बल्कि साजिश का नतीजा है।उन्होंने दावा किया कि यदि निष्पक्ष माहौल में चुनाव हों तो जनता इस परिणाम को पलट देगी।
इलेक्शन कमीशन ने बीजेपी की मदद की–वाड्रा का आरोप
रॉबर्ट वाड्रा ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिणाम चुनाव आयोग की मदद से संभव हुए हैं। वाड्रा का कहना था कि बिहार की जनता ऐसे नतीजों को स्वीकार नहीं कर रही और ये लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत हैं।इलेक्शन कमीशन ने बीजेपी की मदद की है। पूरा सिस्टम एक तरफ खड़ा हो गया है। ऐसा लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। वाड्रा ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
हमें शिव की शक्ति चाहिए, देश में बदलाव आएगा
धार्मिक यात्रा के दौरान वाड्रा ने कहा कि देश को परिवर्तन की जरूरत है।
उनके शब्दों में देश बदलाव चाहता है। लोकतंत्र के लिए संघर्ष जरूरी है। मैं अपने परिवार के लिए और देश के अच्छे भविष्य के लिए शिव की शक्ति मांगने आया हूं। देखना बदलाव जरूर आएगा।उन्होंने कहा कि राजनीति को धर्म से अलग रखना चाहिए।
मंदिर को मंदिर रहने दें इसे राजनीति का मंच न बनाएं।
कांग्रेस नेताओं ने किया भव्य स्वागत
इंदौर एयरपोर्ट पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विपिन वानखेड़े व अन्य नेताओं ने रॉबर्ट वाड्रा का ढोल-ढमाकों के साथ जोरदार स्वागत किया। कार्यकर्ताओं ने फूलमालाओं से उन्हें सम्मानित किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ मौजूद रही।
राहुल गांधी मेहनत कर रहे हैं, युवा जुड़ेंगे
मीडिया से बातचीत में वाड्रा ने राहुल गांधी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार मेहनत कर रहे हैं और देश के युवा उनकी विचारधारा से जुड़ रहे हैं। युवा आगे आ रहे हैं आंदोलन तैयार हो रहा है। हम लोकतंत्र बचाने के लिए मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए है।
धार्मिक आस्था के बीच राजनीतिक बयान सुर्खियों में
रॉबर्ट वाड्रा का यह धार्मिक दौरा तो आध्यात्मिक उद्देश्य से था, लेकिन बिहार चुनाव को लेकर दिए गए उनके बयान ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है। विपक्ष लगातार चुनाव प्रक्रिया और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है। ऐसे में वाड्रा का बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराने का बयान कांग्रेस की ओर से एक बड़ा राजनीतिक संदेश माना जा रहा है।
