इंदौर । (मध्य प्रदेश), 11 नवंबर । राज्य में लंबित पड़ी छात्रवृत्तियों के मुद्दे को लेकर सोमवार को इंदौर में जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन की छात्र शाखा और कॉलेज छात्रों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर टंट्या भील चौराहे से कलेक्ट्रेट कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला और बाद में कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया।
प्रदर्शनकारियों ने एक ज्ञापन तहसीलदार बलवीर सिंह राजपूत को सौंपा और आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्तियाँ वर्ष 2022 से अब तक लंबित हैं, जिससे हजारों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
“दो साल से छात्रवृत्ति नहीं, छात्र परेशान” – जयस छात्रसंघ
जयस छात्रसंघ के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल बघेल ने कहा, “हमने इंदौर के टंट्या भील चौराहे से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालकर विरोध जताया है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति 2022 से नहीं मिली है। कई छात्रों को कॉलेज फीस जमा न कर पाने के कारण परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जा रही। यह सीधे तौर पर गरीब छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।” उन्होंने आगे कहा कि यदि जल्द ही छात्रवृत्ति की राशि जारी नहीं की गई तो संगठन राज्यस्तरीय आंदोलन करेगा।
प्रशासन पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
बघेल ने आरोप लगाया कि जब छात्रों ने छात्रवृत्ति वितरण में देरी का कारण पूछा, तो प्रशासन ने बताया कि “छात्रवृत्ति का बजट तो स्वीकृत हो गया था, लेकिन राशि कहीं और खर्च कर दी गई।” उन्होंने कहा कि यह मामला सीधे तौर पर भ्रष्टाचार से जुड़ा है और प्रशासन इस विषय पर कोई ठोस जवाब देने से बच रहा है।
छात्रों को परीक्षा से रोका गया
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना था कि छात्रवृत्ति राशि न मिलने से कई कॉलेजों ने छात्रों से फीस जमा करने को कहा है, और फीस जमा न करने पर उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया गया है। इस वजह से अनेक छात्र मानसिक तनाव में हैं और उनका शैक्षणिक सत्र खतरे में पड़ गया है।
प्रशासन का जवाब – छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी
विरोध प्रदर्शन के दौरान तहसीलदार बलवीर सिंह राजपूत छात्रों से मिलने पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने इस विषय में कलेक्टर को अवगत कराया है, और एक पत्र जारी कर कॉलेज एवं विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया जाएगा कि छात्रों को परीक्षा देने से न रोका जाए।
राजपूत ने कहा –“जयस संगठन के बैनर तले विभिन्न कॉलेजों के छात्र विरोध कर रहे हैं क्योंकि छात्रवृत्ति न मिलने से वे फीस नहीं भर पाए और परीक्षा से वंचित रह गए। मैंने कलेक्टर महोदय से बात की है। जल्द ही कॉलेज डीन और विश्वविद्यालय प्रबंधन से चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा। छात्रों को परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।”
राज्यभर में बढ़ सकता है आंदोलन
जयस छात्रसंघ ने चेतावनी दी है कि यदि अगले कुछ दिनों में छात्रवृत्तियाँ जारी नहीं की गईं तो संगठन पूरे मध्य प्रदेश में आंदोलन करेगा। छात्र संघ का कहना है कि यह केवल इंदौर का मामला नहीं, बल्कि राज्यभर में हजारों छात्रों को छात्रवृत्ति न मिलने से परेशानी हो रही है।
प्रशासन के लिए चुनौती बन रहा है छात्रवृत्ति विवाद
पिछले कुछ महीनों से राज्य के कई जिलों से छात्रवृत्ति वितरण में देरी की शिकायतें मिल रही हैं। तकनीकी समस्याओं, बजट की कमी और प्रक्रिया में लापरवाही के कारण छात्रों को महीनों इंतजार करना पड़ रहा है। जयस के आंदोलन ने इस मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है और अब राज्य सरकार के लिए इसे हल करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
