नई दिल्ली । वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में टीम इंडिया की टॉस किस्मत एक बार फिर सुर्खियों में है। भारतीय क्रिकेट टीम ने आखिरी बार वनडे इंटरनेशनल मैच में टॉस 15 नवंबर 2023 को वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ जीता था। यह मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। उसके बाद से अब तक 23 महीने बीत चुके हैं और टीम इंडिया वनडे में लगातार 18 टॉस हारी है।
यह टॉस हारने का सिलसिला रोहित शर्मा की कप्तानी में शुरू हुआ और शुभमन गिल की कप्तानी में भी जारी है। रोहित शर्मा के नेतृत्व में भारत ने 15 टॉस लगातार गंवाए, और इसके बाद गिल के नेतृत्व में तीन और टॉस गंवाए गए। हालांकि इस दौरान टीम इंडिया ने अपने प्रदर्शन से विरोधियों को चौंकाया और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीतकर टॉस हारने के बावजूद शानदार क्रिकेट दिखाया।
इस रिकॉर्ड की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लगातार 18 बार टॉस हारना बेहद असामान्य घटना है। गणितीय रूप से देखें तो अगर कोई सिक्का 2.6 लाख बार उछाले, तब भी लगातार 18 बार सिर या पूँछ आने की संभावना मात्र एक बार ही होगी। वनडे क्रिकेट में लगातार टॉस हारने का यह वर्ल्ड रिकॉर्ड अब भारतीय टीम के नाम दर्ज हो गया है। इससे पहले इस रिकॉर्ड पर आयरलैंड का कब्जा था, जिन्होंने 11 टॉस लगातार हारे थे।
हालांकि टीम इंडिया की टॉस किस्मत खराब रही है, लेकिन मैदान पर उनका प्रदर्शन इससे अलग रहा। खिलाड़ियों ने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से मैच में दबदबा बनाए रखा और कई मौकों पर विपक्ष को मात दी। यह सिलसिला बताता है कि टॉस हारना अब टीम इंडिया के लिए मानसिक चुनौती बन चुका है, लेकिन टीम की क्षमता इससे प्रभावित नहीं हुई।
भारतीय क्रिकेट के प्रशंसक अब देख रहे हैं कि क्या शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया इस टॉस की “अड़चन” को तोड़ पाएगी या नहीं। आने वाले मुकाबलों में टीम की रणनीति, टॉस हारने के बावजूद खेल पर जोर देने की कला, और मैदान पर उनका आत्मविश्वास इस लम्बी टॉस हार की श्रंखला को बदलने में अहम भूमिका निभाएगी।
