नई दिल्ली स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन क्रिकेट प्रेमियों ने एक खास लम्हा देखा। साउथ अफ्रीकी टीम के सेनुरन मुथुसामी ने नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हुए अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया और दर्शकों का दिल जीत लिया। 192 गेंदों की कड़ी मेहनत के बाद मुथुसामी का यह शतक गुवाहाटी मैदान का पहला टेस्ट शतक भी बन गया।
सेनुरन मुथुसामी का जन्म 22 फरवरी 1994 को डरबन, साउथ अफ्रीका में हुआ। उनके माता-पिता भारतीय मूल के हैं और वे अपनी तमिल विरासत से जुड़े हुए हैं। मुथुसामी का परिवार तमिलनाडु से आता है और कई रिश्तेदार आज भी वहां रहते हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा क्लिफ्टन कॉलेज से पूरी की और फिर यूनिवर्सिटी ऑफ क्वाज़ुलु-नटाल से सोशल साइंस में बैचलर की डिग्री ली, जिसमें उन्होंने मीडिया और मार्केटिंग पर फोकस किया।
क्रिकेट के प्रति उनकी रुचि बचपन में ही जाग गई थी। मुथुसामी को सबसे पहले उनके पिता ने क्रिकेट से परिचित कराया, लेकिन जब वे 11 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उनकी मां वाणी मूडली ने उन्हें क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए पूरी मेहनत की। मां ने बेटे की बैटिंग और बॉलिंग तकनीक को वीडियो के जरिए रिकॉर्ड किया और उन्हें प्रशिक्षित किया।
मुथुसामी ने अपनी क्रिकेट यात्रा स्कूल मैचों और स्थानीय टूर्नामेंटों से शुरू की। उन्होंने अंडर-11 से अंडर-19 तक क्वाज़ुलु-नटाल का प्रतिनिधित्व किया। शुरुआती दौर में उन्हें खुद विश्वास नहीं था कि वे पेशेवर क्रिकेटर बन पाएंगे, लेकिन लगातार बेहतर प्रदर्शन ने उन्हें साउथ अफ्रीका की अंडर-19 टीम तक पहुंचाया। 2015-16 में डॉल्फिन्स टीम ने उन्हें टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में साइन किया और यहीं से उनका पेशेवर करियर मजबूत हुआ।
मुथुसामी को 2019 में भारत दौरे के लिए पहली बार साउथ अफ्रीका की टेस्ट टीम में शामिल किया गया। उन्होंने विशाखापत्तनम टेस्ट में अपना डेब्यू किया और पहले ही मैच में विराट कोहली का विकेट लेकर सबका ध्यान खींचा।
गुवाहाटी में उनके इस शतक ने कई रिकॉर्ड बनाए। पिछले 15 सालों में भारत में केवल दो बार सातवें नंबर के बल्लेबाज ने टेस्ट शतक लगाया है, और मुथुसामी उनमें शामिल हो गए। इससे पहले यह कारनामा 2019 में क्विंटन डिकॉक ने किया था। इसके अलावा, वे पिछले छह सालों में भारत में टेस्ट शतक लगाने वाले पहले साउथ अफ्रीका बल्लेबाज भी बन गए हैं।
मैच की बात करें तो दूसरे दिन लंच ब्रेक तक साउथ अफ्रीका ने सात विकेट पर 248 रन बनाए। मुथुसामी के शानदार शतक ने टीम को मजबूती दी और भारतीय दर्शक भी उनके प्रदर्शन की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए। उनके खेल ने यह साबित कर दिया कि कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और तकनीक से शानदार प्रदर्शन किया जा सकता है।
मुथुसामी की यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि टीम के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनके शतक ने साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजी लाइनअप को मजबूती दी और मैच में रोमांच बनाए रखा। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी यह दिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद मेहनत और परिवार का समर्थन किसी भी खिलाड़ी को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
गुवाहाटी टेस्ट में मुथुसामी का यह शतक न सिर्फ उनके करियर की उपलब्धियों में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि भारतीय और साउथ अफ्रीकी क्रिकेट फैंस के लिए भी यादगार लम्हा बन गया है।
