नई दिल्ली। इस्लामाबाद में हुए भीषण बम धमाके ने पाकिस्तान में खेल जगत को हिलाकर रख दिया है। धमाके के बाद पाकिस्तान दौरे पर गई श्रीलंका क्रिकेट टीम ने सुरक्षा चिंताओं के चलते दौरा बीच में ही छोड़ने का फैसला किया है। श्रीलंका के आठ खिलाड़ी स्वदेश लौट चुके हैं जिससे पूरी वनडे सीरीज पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। यह घटना न केवल दोनों देशों के बीच चल रही सीरीज पर असर डाल रही है बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर रही है।
धमाके के बाद टूटी सुरक्षा की दीवार
बुधवार को इस्लामाबाद की एक अदालत के पास हुए बम धमाके में 12 लोगों की मौत और कई घायल हो गए। इस घटना के तुरंत बाद श्रीलंका क्रिकेट (SLC) ने अपनी सुरक्षा समिति के साथ बैठक की और खिलाड़ियों की सुरक्षा पर विचार किया। बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि धमाके के बाद रावलपिंडी में होने वाला दूसरा वनडे मुकाबला रद्द किया जा सकता है क्योंकि खिलाड़ी अब खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे।
पाकिस्तान ने मंगलवार को खेले गए पहले वनडे में रोमांचक जीत हासिल की थी जहां उसने श्रीलंका को 6 रनों से मात दी। लेकिन अगले ही दिन हुए धमाके ने पूरी श्रृंखला की दिशा बदल दी। खिलाड़ियों के स्वदेश लौटने के फैसले के बाद अब बाकी मुकाबलों के आयोजन पर भी संशय गहराने लगा है।
खिलाड़ियों की बढ़ती सुरक्षा चिंता
श्रीलंका के कई खिलाड़ियों ने पहले ही पाकिस्तान में सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी। टीम प्रबंधन को लगातार यह फीडबैक मिल रहा था कि खिलाड़ी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। धमाके के बाद हालात और बिगड़े जिसके चलते आठ खिलाड़ियों ने बीच में ही दौरा छोड़ने का फैसला किया। इस कदम के बाद श्रृंखला का भविष्य अधर में लटक गया है।
बताया जा रहा है कि श्रीलंका टीम को तीन वनडे मैचों की श्रृंखला के बाद जिम्बाब्वे और पाकिस्तान के साथ त्रिकोणीय सीरीज खेलनी थी। लेकिन इस्लामाबाद धमाके की रावलपिंडी से नज़दीकी और हालात की गंभीरता को देखते हुए खिलाड़ियों ने अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
पीसीबी ने दिया भरोसा पर खिलाड़ी नहीं हुए आश्वस्त
इस संकट के बीच पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने स्थिति संभालने की कोशिश की। बोर्ड चेयरमैन और गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने टीम अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें ‘फूलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था’ का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई टीम को उच्चतम स्तर की सुरक्षा दी जा रही है। इसके बावजूद खिलाड़ियों के मन से भय दूर नहीं हुआ।
सुरक्षा बलों की मौजूदगी बढ़ाई गई, स्टेडियम और होटल के आसपास सघन जांच अभियान चलाया गया फिर भी खिलाड़ियों का भरोसा नहीं लौट सका। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अनुसार टीम के बचे हुए सदस्य भी जल्द लौटने का फैसला कर सकते हैं।
पाकिस्तान में सुरक्षा पर पुराना सवाल
यह पहली बार नहीं है जब किसी विदेशी टीम ने पाकिस्तान में सुरक्षा कारणों से अपना दौरा रद्द किया हो। तीन साल पहले न्यूजीलैंड टीम ने रावलपिंडी में होने वाली व्हाइट बॉल सीरीज को अंतिम क्षणों में रद्द कर दिया था। उस समय भी सुरक्षा एजेंसियों को हमले की विश्वसनीय सूचना मिली थी जिसके बाद किवी टीम बिना मैच खेले स्वदेश लौट गई थी।
2009 का दर्दनाक हमला अब भी ताज़ा
मार्च 2009 की वह घटना आज भी श्रीलंकाई क्रिकेट की यादों में ताज़ा है जब लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के पास आतंकियों ने श्रीलंका टीम की बस पर हमला कर दिया था। उस हमले में कई सुरक्षाकर्मी मारे गए और खिलाड़ी बाल-बाल बचे थे। इस घटना के बाद करीब 10 वर्षों तक पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर प्रतिबंध लग गया था।
