नई दिल्ली।भारतीय सरज़मीं पर टेस्ट मैच जीतना दुनिया की किसी भी टीम के लिए सबसे मुश्किल चुनौतियों में गिना जाता था।लेकिन बीते एक साल में यह हकीकत बदलती नज़र आ रही है। 2024 में न्यूज़ीलैंड टीम ने भारत को उसी के घर में 3-0 से रौंदकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया। अब वही सिलसिला इस सीजन में साउथ अफ्रीका आगे बढ़ाता दिख रहा है, जो गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में हो रहे दूसरे टेस्ट में भारत को सीरीज में क्लीन स्वीप करने के मुहाने पर खड़ा है।
कोच शुकरी कॉनरॉड का बयान-हंसी में कहा लेकिन आग लगा गया!
चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में साउथ अफ्रीका के कोच शुकरी कॉनरॉड ने ऐसा बयान दे दिया, जिसने भारतीय क्रिकेट दायरे में हलचल मचा दी। हंसी-ठहाकों के बीच कहा गया उनका उधार लिया हुआ शब्द दरअसल उनकी असली रणनीति उजागर कर गया।
कॉनरॉड ने बिना लाग-लपेट कहा:
हम चाहते थे भारतीय खिलाड़ी मैदान पर जितना ज्यादा रुकें उतने थकें हम उन्हें पूरी तरह घिस देना चाहते थे। हमारा लक्ष्य था टीम इंडिया को घुटनों पर लाकर अंतिम दिन सिर्फ संघर्ष करने की स्थिति में पहुंचा देना।उन्होंने आगे यह भी बताया कि शाम के वक्त नई गेंद लेने की योजना पहले से तैयार थी, क्योंकि रोशनदान जैसी छाया पड़ने के कारण गेंदबाज़ों को अतिरिक्त उछाल और मूवमेंट मिलती है। साथ ही भारतीय फील्डरों को लंबे समय तक मैदान में रखने की चाल भी इसी योजना का हिस्सा थी-ताकि आखिरी दिन भारत का हर कदम भारी पड़े।
522 रनों का पहाड़! आखिरी दिन भारत के सामने असंभव-सा मिशन
साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 188 रनों की विशाल बढ़त बनाई और दूसरी पारी में 5 विकेट पर 260 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। चौथे दिन के अंतिम सत्र में उन्होंने भारत के दो विकेट उखाड़कर मैच को अपनी मुट्ठी में कर लिया है।अब भारत को जीतने के लिए 522 रन का पहाड़ चढ़ना होगा जबकि अफ्रीका को सिर्फ 8 विकेट चाहिए।सीरीज पहले ही 1-0 से अफ्रीका के पक्ष में है-और ऐसे में भारत का यह टेस्ट बचा लेना भी किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।
