नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में चोटिल हुए भारतीय वनडे उप-कप्तान श्रेयस अय्यर की सेहत पर राहत भरी खबर आई है। BCCI की मेडिकल टीम ने बताया कि अय्यर अब सिडनी के अस्पताल में ICU से बाहर आ गए हैं और उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।
चोट कैसे लगी:
तीसरे वनडे में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच के दौरान अय्यर को चोट तब लगी जब वह एलेक्स कैरी का पीछे की तरफ दौड़ते हुए बैकवर्ड प्वाइंट पर कैच पकड़ रहे थे। इस दौरान उनकी बाईं निचली पसली टूट गई और स्कैन में स्प्लीन (तिल्ली) में कटने की चोट पाई गई। यह अंग पेट के बाएं ऊपरी हिस्से में स्थित होता है और खून को साफ करने और शरीर को संक्रमण से बचाने का काम करता है। स्प्लीन फटने पर शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है, जो गंभीर स्थिति होती है।
BCCI की प्रतिक्रिया:
BCCI ने अपने बयान में कहा कि अय्यर का इलाज जारी है और वे मेडिकल रूप से स्थिर हैं। सिडनी और भारत के विशेषज्ञों की सलाह से उनकी चोट पर नजदीकी निगरानी रखी जा रही है। भारतीय टीम के डॉक्टर भी उनके साथ रहेंगे ताकि उनकी रोज़ाना की प्रगति की जांच हो सके।
BCCI ने यह भी बताया कि अय्यर को इंफेक्शन के संकेतों के लिए मॉनिटर किया जा रहा है और उन्हें अस्पताल में लगभग सात दिन रहना पड़ सकता है।
चोट की गंभीरता और रिकवरी:
चोट लगने के बाद अय्यर ड्रेसिंग रूम में बेहोश हो गए थे, जिस पर मेडिकल टीम ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया। विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें तीन सप्ताह तक खेल से बाहर रहना पड़ सकता है और पूरी तरह फिट होने में और समय लगेगा।
श्रेयस अय्यर की फुर्ती और जुझारूपन:
अय्यर ने टीम के लिए हमेशा क्रिटिकल कैच और रन बचाने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी चोट के बावजूद टीम के फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञ उनकी जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
स्प्लीन के बारे में जानिए:
स्प्लीन पेट का नाजुक अंग है जो खून को फिल्टर करने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। चोट, गिरने या जोरदार टकराने से यह फट सकता है। फटने पर इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है, जो तुरंत मेडिकल ध्यान मांगती है। अय्यर की स्थिति इसी कारण गंभीर हो सकती थी, लेकिन समय पर इलाज ने उनकी जान बचाई।
श्रेयस अय्यर अब ICU से बाहर हैं और धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं। BCCI और मेडिकल टीम उनकी हर स्थिति पर नजर बनाए रखे हुए हैं। फैंस को उम्मीद है कि वह जल्द ही पूरी तरह फिट होकर मैदान पर लौटेंगे।
