नई दिल्ली । बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, पार्टी ने एक बार फिर निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है, और परिणाम अविश्वसनीय हैं। पार्टी ने इस मुद्दे की जांच करने की बात की है, और कुछ हफ्तों में इस पर ठोस सबूत पेश करने का भी वादा किया है।
कांग्रेस का खराब प्रदर्शन:
कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में 61 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल छह सीटें ही जीत पाई। यह पार्टी का 2010 के बाद दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन था। 2010 में कांग्रेस ने सिर्फ 4 सीटें जीती थीं, जबकि 2020 में पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 सीटें जीतने में सफल रही थी। वहीं, इस बार एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) ने 202 सीटों पर जीत हासिल की है, जो कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था।
कांग्रेस की बैठक और आरोप:
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर पार्टी के शीर्ष नेताओं, जिसमें राहुल गांधी, संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष अजय माकन और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू शामिल थे, ने चुनाव परिणामों पर लंबी मंथन की। राहुल गांधी ने मीडिया से बात नहीं की, लेकिन पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने चुनाव परिणामों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह पूरी चुनाव प्रक्रिया संदिग्ध है और इसमें कोई पारदर्शिता नहीं दिखाई दे रही है।
कांग्रेस का आरोप:
वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव परिणाम केवल पार्टी के लिए ही नहीं, बल्कि बिहार के आम लोग और गठबंधन सहयोगियों के लिए भी अविश्वसनीय हैं। उन्होंने विशेष रूप से यह आरोप लगाया कि एक राजनीतिक दल का 90% से ज्यादा का स्ट्राइक रेट होना भारतीय इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। इस असाधारण प्रदर्शन के बाद चुनाव परिणामों पर सवाल उठना स्वाभाविक था। कांग्रेस इस मामले की गहन पड़ताल कर रही है और दो हफ्ते में ठोस सबूत पेश करेगी।
पारदर्शिता पर सवाल:
वेणुगोपाल ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि चुनाव आयोग की भूमिका पूरी तरह से एकतरफा और पारदर्शिता से रहित है। कांग्रेस ने पहले भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस प्रकार की गड़बड़ी की बात की थी, और अब बिहार चुनाव को लेकर भी उनकी आलोचना जारी है। वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया में कोई निष्पक्षता नहीं दिखाई दे रही है और आयोग की कार्यप्रणाली पर गहरा सवाल उठना लाजिमी है।
आगे की रणनीति:
कांग्रेस ने आगामी दिनों में बिहार के चुनाव परिणामों का गहन विश्लेषण करने का निर्णय लिया है। पार्टी द्वारा एक-दो हफ्तों में ठोस तथ्यों और आंकड़ों के साथ अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने का वादा किया गया है। यह मामला अब राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है, और कांग्रेस ने इसे लेकर अगले कदम उठाने की भी योजना बनाई है।
कांग्रेस की यह जांच न केवल बिहार विधानसभा चुनाव की निष्पक्षता को लेकर सवालों को जन्म देती है, बल्कि आगामी चुनावों में चुनाव आयोग की भूमिका पर भी नए सवाल खड़े कर सकती है।
